Shadow Banking: बैंक के बाहर का बैंकिंग सिस्टम क्या है?


🕵️‍♂️ Shadow Banking: बैंक के बाहर का बैंकिंग सिस्टम क्या है?

“जब बैंकिंग बिना बैंक के होती है, तो उसे Shadow Banking कहते हैं!”

आपने कभी सोचा है —
बिना बैंक जाए किसी को लोन कैसे मिल जाता है?
या कोई कंपनी बैंक की तरह पैसा कैसे इकट्ठा करती है?

तो आज हम उसी अदृश्य लेकिन शक्तिशाली दुनिया में कदम रख रहे हैं — Shadow Banking की दुनिया में।


📌 Shadow Banking क्या है?

Shadow Banking का मतलब है ऐसा फाइनेंशियल सिस्टम जो बैंक जैसा काम करता है, लेकिन बैंक नहीं होता और उस पर कड़े नियम नहीं लगते।

इसमें शामिल होते हैं:

  • NBFCs (Non-Banking Financial Companies)
  • Housing Finance Companies
  • Microfinance Institutions
  • Peer-to-Peer Lending Platforms
  • Hedge Funds
  • Mutual Funds
  • और यहाँ तक कि कुछ चिट फंड्स भी!

ये सभी पैसों का लेन-देन करते हैं — जैसे बैंक करते हैं — लेकिन इनकी निगरानी थोड़ी “हल्की” होती है।


🧠 इसे “Shadow” क्यों कहते हैं?

“Shadow” का मतलब यहां अंधेरे में नहीं है — बल्कि
👉 “बैंकिंग सिस्टम की परछाईं” है।

मतलब:

  • न ये पूरी तरह से बैंकिंग सिस्टम के अंदर हैं
  • न ही ये पूरी तरह से बाहर हैं
  • ये बीच की लाइन पर चलते हैं

और इसी वजह से ये कई बार आर्थिक संकट (जैसे 2008 का ग्लोबल फाइनेंशियल क्रैश) का कारण बन जाते हैं।


💡 Shadow Banking और बैंक में क्या अंतर है?

बिंदुबैंक 🏦Shadow Bank 🕵️‍♂️
रेगुलेशन (नियंत्रण)RBI और सख्त नियमसीमित या नरम नियंत्रण
डिपॉजिट लेने की अनुमति✅ हाँ❌ नहीं (कुछ को छोड़कर)
सुरक्षा कवच (insurance)डिपॉजिट इंश्योरेंसनहीं
लिक्विडिटी सपोर्टRBI से मिलता हैनहीं

🔍 Shadow Banking काम कैसे करता है?

उदाहरण से समझिए:

  1. एक NBFC (जैसे Bajaj Finance) बाजार से पैसा इकट्ठा करती है — बॉन्ड, इक्विटी या अन्य स्रोतों से
  2. फिर वो वही पैसा लोगों को लोन देती है — जैसे कार लोन, पर्सनल लोन
  3. वो बैंक नहीं है, लेकिन बैंक जैसा उधारी देने का काम कर रही है

यह तेज़ी से पैसा चलाने का तरीका है, लेकिन अगर कोई नियम न हो — तो खतरा भी है!


🧨 Shadow Banking का खतरा क्या है?

  1. Over-Lending (जरूरत से ज़्यादा उधारी):
    Shadow बैंक कभी-कभी बिना ज्यादा जांचे परखे लोन दे देते हैं
  2. Liquidity Crisis:
    अगर अचानक निवेशक पैसा निकालना चाहें, तो इनके पास कैश नहीं होता
    👉 जैसे 2018 में IL&FS का केस
  3. Regulation की कमी:
    RBI का नियंत्रण सीमित होता है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना रहती है
  4. Systemic Risk:
    अगर एक Shadow Bank गिरा — तो कई दूसरी कंपनियाँ भी खिंच जाती हैं
    👉 Domino Effect

🌍 Shadow Banking पूरी दुनिया में कैसे फैला है?

  • अमेरिका में 2008 का Global Financial Crisis Shadow Banks की over-lending से हुआ
  • चीन में “Wealth Management Products” जैसे shadow instruments बहुत आम हैं
  • भारत में NBFC सेक्टर बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है — खासकर Microfinance और Digital Lending के रूप में

🇮🇳 भारत में Shadow Banking की स्थिति

भारत में Shadow Banks मुख्यतः NBFCs होती हैं।
कुछ बड़े नाम:

  • Bajaj Finance
  • LIC Housing Finance
  • Muthoot Finance
  • Shriram Transport Finance

इन्होंने छोटे व्यापारियों, कम इनकम वालों और semi-urban/rural क्षेत्र में बैंकिंग पहुंचाई है।

👉 पर जब IL&FS 2018 में डूबा, तो पूरी Shadow Banking पर सवाल खड़े हो गए।


📈 Shadow Banking क्यों जरूरी है?

पॉजिटिव साइड:

  • ये उन लोगों को फाइनेंस उपलब्ध कराते हैं जो बैंकों से वंचित रहते हैं
  • MSMEs और startups को आसान फंडिंग
  • बैंकिंग सिस्टम का वैकल्पिक सपोर्ट

नकारात्मक पक्ष:

  • जरूरत से ज्यादा रिस्क
  • रेगुलेशन की कमी
  • आम जनता के पैसे की सुरक्षा नहीं

🧾 RBI और सरकार क्या कर रही हैं?

भारत सरकार और RBI ने Shadow Banking पर ध्यान देना शुरू किया है:

  • NBFCs को भी बैंक जैसे रेगुलेशन के दायरे में लाया जा रहा है
  • डिजिटल लेंडिंग पर गाइडलाइन बनाई गई है
  • Co-lending मॉडल लाया गया है — जिसमें बैंक और NBFC मिलकर लोन देते हैं
  • Credit rating agencies की निगरानी बढ़ी है

🤔 क्या आपको Shadow Banks से लोन लेना चाहिए?

👉 Yes, अगर:

  • आपके पास बैंक से लोन लेने की eligibility नहीं है
  • आप किसी trusted NBFC से लोन ले रहे हैं

👉 No, अगर:

  • बहुत high-interest rate है
  • terms & conditions बहुत complex हैं
  • repayment structure clear नहीं है

📌 सुझाव: हमेशा NBFC की RBI से रजिस्टर्ड स्थिति जांचें।


🧠 निष्कर्ष (Conclusion):

Shadow Banking ना तो पूरी तरह बुरा है, ना पूरी तरह अच्छा।
यह एक दूरी पर चलता हुआ बैंकिंग सिस्टम है — जो flexibility देता है, लेकिन रिस्क भी लाता है।

“जहाँ रोशनी होती है, वहाँ परछाईं भी होती है — और फाइनेंस की यह परछाईं है Shadow Banking।”

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