ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र का भौगोलिक विस्तार और इसकी सहायक नदियाँ पूरे पूर्वोत्तर भारत, तिब्बत और बांग्लादेश में एक समृद्ध और महत्त्वपूर्ण नदी प्रणाली का निर्माण करती हैं। ब्रह्मपुत्र की उत्पत्ति से लेकर इसके प्रवाह में मिलने वाली सभी प्रमुख और छोटी सहायक नदियाँ इस प्रणाली को और भी शक्तिशाली बनाती हैं। यहाँ ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र के सभी तथ्यों और इसकी सभी सहायक नदियों का विस्तृत वर्णन किया गया है:
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र के मुख्य तथ्य
- उत्पत्ति:
- ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट चेमायुंगडुंग ग्लेशियर से होता है। इसे तिब्बत में “सांगपो” के नाम से जाना जाता है।
- लंबाई:
- ब्रह्मपुत्र नदी की कुल लंबाई लगभग 2,900 किलोमीटर है। यह तिब्बत से होकर अरुणाचल प्रदेश, असम और बांग्लादेश में बहती है और अंत में बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
- प्रवाह की दिशा:
- तिब्बत में यह नदी पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है, जबकि अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करने के बाद यह दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़ती है और अंततः दक्षिण की दिशा में बहती हुई बांग्लादेश पहुँचती है।
- विशेषता:
- ब्रह्मपुत्र विश्व की एकमात्र नदी है जो इतनी विशाल बाढ़ उत्पन्न करती है। इस नदी के प्रवाह का क्षेत्र बहुत बड़ा है, जो कि कई लोगों की आजीविका का साधन भी है।
- प्रमुख द्वीप:
- असम में ब्रह्मपुत्र नदी “माजुली द्वीप” का निर्माण करती है, जो विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है।
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र की प्रमुख सहायक नदियाँ
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र की प्रमुख और छोटी कई सहायक नदियाँ हैं जो इसे विभिन्न दिशाओं से मिलती हैं। इनमें से कुछ मुख्य सहायक नदियों का विस्तृत वर्णन निम्नलिखित है:
- दीबांग नदी:
- यह नदी अरुणाचल प्रदेश में उत्पन्न होती है और इसे “सिकांग” के नाम से भी जाना जाता है। यह ब्रह्मपुत्र की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है। दीबांग नदी पूर्वोत्तर भारत में जल संसाधन और सिंचाई के लिए महत्त्वपूर्ण है।
- लोहित नदी:
- लोहित नदी अरुणाचल प्रदेश में उत्पन्न होती है और यह तिब्बत से बहते हुए भारत में प्रवेश करती है। यह ब्रह्मपुत्र में असम के पास मिलती है। लोहित का प्रवाह तेज है और इसे भारत में कई जलविद्युत परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जाता है।
- मानस नदी:
- मानस नदी भूटान से उत्पन्न होकर भारत में प्रवेश करती है और असम में ब्रह्मपुत्र से मिलती है। यह नदी अपनी जैव विविधता और मानस नेशनल पार्क के लिए प्रसिद्ध है, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
- सुबनसिरी नदी:
- सुबनसिरी अरुणाचल प्रदेश में उत्पन्न होती है और इसे पूर्वोत्तर भारत की “गोल्डन नदी” भी कहा जाता है। यह जलविद्युत उत्पादन के लिए महत्त्वपूर्ण है और असम में ब्रह्मपुत्र से मिलती है।
- धनसिरी नदी:
- धनसिरी नदी नागालैंड से बहती हुई असम में प्रवेश करती है और ब्रह्मपुत्र में मिलती है। यह नागालैंड और असम के मैदानी क्षेत्रों में कृषि के लिए महत्त्वपूर्ण है।
- तेस्ता नदी:
- तीस्ता नदी का उद्गम सिक्किम में होता है और यह पश्चिम बंगाल से होकर बांग्लादेश में प्रवेश करती है। तीस्ता बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र से मिलती है। यह नदी भारत और बांग्लादेश के बीच जल विवाद का विषय भी रही है।
- बराक नदी:
- बराक नदी मणिपुर और नागालैंड के क्षेत्रों से होकर गुजरती है और असम में बांग्लादेश की सीमा पर ब्रह्मपुत्र से मिलती है। इसका प्रवाह दक्षिण की ओर होता है।
- गाभरू नदी:
- गाभरू नदी असम की एक छोटी नदी है, जो ब्रह्मपुत्र में उत्तर से दक्षिण की दिशा में मिलती है। यह भी स्थानीय सिंचाई के लिए महत्त्वपूर्ण है।
- जियाभारली नदी:
- जियाभारली अरुणाचल प्रदेश से बहती हुई असम में ब्रह्मपुत्र से मिलती है। यह नदी जल संग्रहण और कृषि के लिए महत्त्वपूर्ण है।
- भावानी नदी:
- यह नदी तिब्बत में उत्पन्न होती है और बाद में ब्रह्मपुत्र में मिलती है। इसका प्रवाह भी असम में कृषि के लिए महत्त्वपूर्ण है।
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र की अन्य सहायक नदियाँ
इसके अतिरिक्त, ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र में कई छोटी नदियाँ भी शामिल हैं जो मुख्यत: मानसून के दौरान जल की आपूर्ति करती हैं। इनमें कालंग, भाराली, बरनदी, पगलादीया, नोनाई, दिकरू और बोगीनदी प्रमुख हैं। ये नदियाँ असम के स्थानीय क्षेत्रों में जल आपूर्ति, सिंचाई और मछली पालन के लिए विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण हैं।
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र की अन्य विशेषताएँ
- बाढ़ और कटाव:
- ब्रह्मपुत्र का प्रवाह मानसून के दौरान तेजी से बढ़ता है, जिसके कारण असम में हर साल भारी बाढ़ आती है। इसके साथ ही, नदी का तेज बहाव तटों पर मिट्टी के कटाव का कारण बनता है।
- वनस्पति और जीव-जंतु:
- ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के किनारे स्थित क्षेत्रों में वनस्पति और जीव-जंतु की बहुतायत है। यहाँ पर दुर्लभ भारतीय गैंडा, हाथी, जंगली भैंस, और कई पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। असम का काजीरंगा नेशनल पार्क और मानस नेशनल पार्क इसकी जैव विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं।
- जल परिवहन:
- ब्रह्मपुत्र का जल परिवहन के लिए उपयोग किया जाता है। विशेष रूप से असम और बांग्लादेश के बीच व्यापार और परिवहन में यह नदी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सारांश
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र का समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र न केवल भारत बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसकी सहायक नदियाँ कृषि, जल विद्युत, और परिवहन के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करती हैं, और ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, और बांग्लादेश के लोगों की आजीविका का आधार है।